पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी ने पुणे में बड़ी सेंध लगाई है। कांग्रेस के कद्दावर नेता और नौ साल तक जिला अध्यक्ष रहे संजय जगताप के बीजेपी में शामिल होने से सियासी हलचल तेज हो गई है। पुणे में जहां एनसीपी और शिंदे गुट पहले से ही कमजोर पड़ते नजर आ रहे थे, वहीं अब बीजेपी की पकड़ मजबूत होती दिख रही है।
कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पुणे में पिछले कुछ सालों में कांग्रेस का प्रभाव लगातार घटा है। अब कांग्रेस के ही वफादार नेताओं का पार्टी छोड़ना, नेतृत्व के लिए चिंता की वजह बन गया है। एनसीपी और शिंदे सेना को भी अब इस बदलाव से खतरा महसूस हो रहा है, क्योंकि जगताप का बीजेपी में जाना विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
संजय जगताप ने बीजेपी जॉइन करते वक्त कहा कि समय के साथ चीजें बदली हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फडणवीस के नेतृत्व में देश तरक्की कर रहा है। बीजेपी का फोकस अब पुणे के रसूखदार राजनीतिक परिवारों को साथ लाने पर है। इससे पहले भी कई बड़े चेहरे बीजेपी से जुड़ चुके हैं, जिससे जिले में बीजेपी का आधार मजबूत हुआ है।
अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी बारामती जैसे मजबूत गढ़ों में भी सेंध लगा पाएगी? एनसीपी, शिंदे सेना और कांग्रेस—तीनों के लिए पुणे की यह सियासी चाल खतरे की घंटी है, जो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बड़ा असर डाल सकती है।