पुणे न्यूज डेस्क: पुणे की एक अदालत ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर मानहानि मामले में कोर्ट में पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने व्यक्तिगत पेशी से राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि उन्होंने पेशी से छूट के लिए कोई ठोस कारण पेश नहीं किया।
इस मानहानि केस की सुनवाई पुणे की अदालत में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अमोल श्रीराम शिंदे के समक्ष हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून सबके लिए बराबर है और बिना पर्याप्त वजह के कोर्ट में पेश न होने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
इससे पहले शिकायतकर्ता सात्यकी सावरकर द्वारा दाखिल एक याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसमें राहुल गांधी की ज़मानत रद्द करने और उन्हें ज़बरदस्ती अदालत में पेश करने की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने वीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे स्वतंत्रता सेनानी की छवि को नुकसान पहुंचा है।
अब इस मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी, जिसमें राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाज़िर रहना होगा। अदालत के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से वीर सावरकर को लेकर बहस तेज हो सकती है, क्योंकि यह मामला सिर्फ कानूनी ही नहीं बल्कि वैचारिक टकराव से भी जुड़ा हुआ है।