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दस लाख न होने पर गर्भवती महिला को भर्ती से इनकार, मौत के बाद अजित पवार बोले – अब नहीं चलेगी संवेदनहीनता

Photo Source : Google

Posted On:Friday, April 25, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: पुणे की एक दर्दनाक घटना ने महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई सामने ला दी है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को बताया कि दस लाख रुपये जमा न कर पाने के कारण एक गर्भवती महिला को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने कथित रूप से भर्ती करने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। यह मामला भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी अमित गोरखे के निजी सचिव की पत्नी तनीषा भिसे से जुड़ा है, जिनकी मौत मार्च के आखिरी सप्ताह में एक अन्य अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद हुई थी। पवार ने इस घटना को “दिल दहला देने वाला” बताते हुए कहा कि इससे समाज की अंतरात्मा झकझोर गई है।

अजित पवार ने कहा कि यह मामला राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में मौजूद खामियों और संवेदनहीनता को उजागर करता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस केस को गंभीरता से ले रही है, जांच शुरू हो चुकी है और शुरुआती रिपोर्टें मिल गई हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकार मृतक महिला के परिवार को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उनका कहना था कि केवल जिम्मेदारी तय करना ही नहीं, बल्कि आगे से ऐसी घटनाएं न हों, इस दिशा में भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।

राज्य सरकार अब आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बेहतर करने के लिए 'इनकार नहीं करने की नीति' लाने की तैयारी में है। इस नीति के तहत कोई भी अस्पताल किसी भी आपातकालीन मरीज को इलाज से इनकार नहीं कर सकेगा। अजित पवार ने बताया कि हेल्थ केयर रिस्पॉन्स ट्रैकर लागू किया जाएगा, साथ ही एक समर्पित हेल्पलाइन और रैपिड रिस्पॉन्स टीम भी तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और वे खुद मानते हैं कि स्वास्थ्य सेवा केवल पेशा नहीं, बल्कि सेवा और सामाजिक ज़िम्मेदारी है।


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