पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि पुणे के पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर ने शिवसेना का दामन थाम लिया है। सोमवार को उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। धंगेकर के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं काफी समय से चल रही थीं। उन्होंने 2023 के कस्बा विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मुरलीधर मोहोल से हार गए थे। इसके बाद 2024 के विधानसभा चुनाव में भी वह कस्बा सीट से भाजपा के हेमंत रासने के खिलाफ चुनाव हार गए, जिन्हें उन्होंने उपचुनाव में हराया था। सोमवार दोपहर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की और शाम तक शिवसेना में शामिल हो गए।
धंगेकर ने कांग्रेस छोड़ने के बाद कहा कि यह उनके लिए दुखद फैसला था, लेकिन वह अपने समर्थकों और मतदाताओं की भावनाओं को देखते हुए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऐसा कदम उठाना जरूरी लगा। धंगेकर ने बताया कि हाल ही में उनकी मुलाकात एकनाथ शिंदे और शिवसेना मंत्री उदय सामंत से हुई थी, जिन्होंने उन्हें साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था। समर्थकों और क्षेत्र के लोगों से चर्चा के बाद धंगेकर ने शिवसेना में जाने का फैसला किया।
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के नेताओं का दूसरी पार्टियों में जाने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) के कई नेता भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) में शामिल हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले चार-पांच साल तक महाविकास अघाड़ी के नेताओं के लिए कोई खास राजनीतिक अवसर नहीं दिख रहा है। इसके अलावा गठबंधन के दलों में आंतरिक कलह भी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि कुछ नेता तत्काल लाभ के लिए शिवसेना का रुख कर रहे हैं, जबकि जो नेता दीर्घकालिक फायदा चाहते हैं, वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं।