पुणे न्यूज डेस्क: मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत से बरी होने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत) प्रसाद श्रीकांत पुरोहित रविवार को पुणे लौटे तो उनका स्वागत किसी जश्न से कम नहीं था। लॉ कॉलेज रोड स्थित शांतिशीला हाउसिंग सोसायटी के बाहर उनके स्वागत के लिए भारी भीड़ जुटी। लोग फूल बरसा रहे थे, पटाखे फोड़ रहे थे और “स्वागत है काका” लिखे पोस्टर हाथों में लिए खड़े थे। पुरोहित अपनी पत्नी के साथ खुली जीप में सवार होकर पहुंचे और ढोल-ताशों की थाप के बीच भगवा झंडों के साथ जुलूस निकाला गया। “जय श्री राम” और “सनातन धर्म की जय” के नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।
इस मौके पर लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इतने लंबे समय बाद अपने घर लौटकर अच्छा लग रहा है। उन्होंने बताया कि लोग पहले से उनका स्वागत करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने साफ कहा था कि जब तक इस मामले में पूरी तरह बरी नहीं हो जाते, तब तक वह घर नहीं लौटेंगे। अदालत के फैसले के बाद ही उन्होंने पुणे वापसी का निर्णय लिया और अब परिवार और समर्थकों के साथ इस खुशी को साझा कर रहे हैं।
अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मालेगांव विस्फोट मामले में उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं हैं। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत कुल सात आरोपित थे, जिन्हें बरी कर दिया गया। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भीखू चौक स्थित मस्जिद के पास हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हुए थे। यह मामला पिछले 17 साल से अदालत में चल रहा था।
पुणे लौटने के बाद पुरोहित ने अपनी सोसायटी स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। समर्थकों के लिए यह सिर्फ एक वापसी नहीं, बल्कि न्याय और लंबी कानूनी लड़ाई में जीत का प्रतीक बन गया। लोगों के चेहरे पर संतोष और गर्व साफ झलक रहा था कि उनका “काका” अब बेदाग होकर घर लौटा है।