पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में इन दिनों तेंदुओं का आतंक लोगों की नींद उड़ा रहा है। पिछले 20 दिनों में तीन लोगों की मौत ने प्रशासन और वन विभाग दोनों को चौकन्ना कर दिया है। हालात बिगड़ते देख वन विभाग ने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है और इलाके में शार्प शूटर्स तैनात किए गए हैं। अब तक लगभग एक दर्जन तेंदुए पकड़े जा चुके हैं, जबकि एक को मार गिराया गया है। गांवों में जाल बिछाकर निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि और हमले न हों।
शिरूर तालुका के पिंपरखेड गांव और आसपास के इलाके इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि तेंदुओं की संख्या 100 से 150 तक हो सकती है, जिससे डर का माहौल और गहराता जा रहा है। लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीण खेतों में काम करने और रात में बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। वन विभाग की टीमें दिन-रात इलाके की तलाशी में जुटी हैं ताकि स्थिति काबू में लाई जा सके।
नरभक्षी तेंदुए की बढ़ती वारदातों के बाद नागपुर वन्यजीव विभाग से उसे मारने की अनुमति भी मिल चुकी है। इसके बाद वन अधिकारियों ने तेंदुए को पकड़ने या मारने के लिए शार्प शूटर्स को लगाया है। गांवों में निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी तेंदुओं की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। उन्होंने घोषणा की है कि तेंदुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी का प्रयोग किया जाएगा। हालांकि, वन विभाग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है — पिंजरों की कमी और भोजन की व्यवस्था बड़ी दिक्कत बन चुकी है। फिलहाल पकड़े गए तेंदुओं को सुरक्षित जंगल क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है।