पुणे न्यूज डेस्क: रविवार और सोमवार को महाराष्ट्र के कई जिलों में हुई भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन, पुणे और मराठवाडा में पानी भरने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पुणे जिले के थेउर गांव में बाढ़ का पानी घुस गया, जहां से करीब 70 लोगों को सुरक्षित निकालना पड़ा। वहीं, मराठवाडा के बीड जिले में आष्टी तालुका के गांवों में फंसे 11 लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ा। बीड, लातूर, धाराशिव, परभणी और हिंगोली जिलों में 32 राजस्व सर्कलों में तेज बारिश दर्ज हुई। हिंगोली जिले के गुंडा गांव की दो महिलाएं बहते पानी में डूबकर जान गंवा बैठीं।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में स्थित राज्य आपातकालीन केंद्र का दौरा कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने आष्टी तालुका के कुछ गांवों में फंसे 40 ग्रामीणों को एनडीआरएफ की मदद से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्देश दिए। शिंदे ने प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से भी बातचीत कर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। पुणे के थेउर गांव में जब पानी भरने की सूचना मिली तो तुरंत आपदा प्रबंधन टीम और अग्निशमन विभाग को मौके पर भेजा गया।
पुणे के हडपसर इलाके के कई स्कूलों में सोमवार को छुट्टी घोषित करनी पड़ी। मराठवाडा के आठ में से पांच जिले बुरी तरह प्रभावित हुए। बीड जिले के आष्टी तालुका के कड़ा गांव के पास एक परिवार के 11 लोग बाढ़ में फंस गए थे, जिन्हें वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया। इसके अलावा बीड जिले के अलग-अलग गांवों से 40 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है। बीड और छत्रपति संभाजीनगर जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, जबकि नांदेड़, लातूर, धाराशिव, परभणी, हिंगोली और जालना जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ जैसे हालात ने प्रशासन और लोगों दोनों को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है।