पुणे न्यूज डेस्क: 42 साल के डॉ नितीन अभिवंत, जो पुणे के बी.जे. मेडिकल कॉलेज में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख थे, का हिमाचल प्रदेश में ट्रेकिंग के दौरान निधन हो गया। सोमवार को ये हादसा हुआ और उनके साथियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। इस खबर से मेडिकल जगत में शोक की लहर है क्योंकि उनका जाना सभी के लिए बेहद चौंकाने वाला रहा।
डॉ नितीन अभिवंत बुरन घाटी ट्रेक पर गए थे, जो हिमाचल के जंगलीक से शुरू होता है और शिमला से करीब 150 किलोमीटर दूर है। ये ट्रेक मीडियम से लेकर मुश्किल स्तर का माना जाता है और इसे पूरा करने में 6 से 9 दिन लगते हैं। उनके सहयोगी डॉ निशिकांत थोरात ने बताया कि ट्रेक की शुरुआत हो चुकी थी और सभी बेस लेवल पर थे, तभी ये दुखद हादसा हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है, लेकिन शुरुआती अनुमान है कि हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हुई।
डॉ अभिवंत का ट्रेकिंग का शौक बहुत पुराना था और उन्होंने कई बार पहाड़ों में ट्रेक किया था। उनके कॉलेज मित्र और डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ भूषण चौधरी ने बताया कि वो बहुत ही मिलनसार, हमेशा मुस्कुराने वाले और मददगार इंसान थे। उन्होंने कहा, "वो पूरी तरह स्वस्थ थे, इसलिए ये सब अचानक और बहुत दुखद है।"
महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के प्रोफेसर डॉ प्रफुल कापसे ने बताया कि डॉ अभिवंत न सिर्फ अच्छे अकैडमिक प्रोफेशनल थे बल्कि बढ़िया एडमिनिस्ट्रेटर भी थे। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में नई तकनीकों को अपनाने में अहम भूमिका निभाई और हमेशा कम लागत में असरदार समाधान खोजते रहते थे। वो मरीजों के प्रति बेहद संवेदनशील थे और पढ़ाई-लिखाई के मामले में भी उनका तरीका सभी को जोड़ने वाला था।