पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को कैबिनेट में स्थान नहीं मिलने के बाद पुणे में ओबीसी समुदाय के सदस्यों ने डिप्टी सीएम अजित पवार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन कलेक्टर कार्यालय के सामने हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जाहिर किया और अजित पवार का विरोध किया। इस मामले पर अब एनसीपी पुणे अध्यक्ष दीपक मानकर ने पलटवार करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दीपक मानकर ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि अजित पवार ने अभी हाल ही में 10 मंत्री पदों में से चार ओबीसी समुदाय को दिए हैं। उनका कहना था कि जो प्रदर्शन पुणे में हो रहे हैं और अजित पवार के फोटो पर चप्पल मारने की घटनाएं हो रही हैं, वह बिल्कुल गलत हैं। मानकर ने यह भी कहा कि वे इसका मुंहतोड़ जवाब दे सकते थे, लेकिन अजित पवार के सम्मान में वे चुप हैं।
दीपक मानकर ने यह भी कहा कि छगन भुजबल ने अपना जीवन मंत्री पद पर बिताया और उनके बेटे को हाल ही में एमएलसी बनाया गया था। यह नियुक्ति इसलिए की गई क्योंकि उनके पास खुद को चुने जाने की क्षमता नहीं थी। मानकर ने आरोप लगाया कि अब उसी छगन भुजबल को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है, यह पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब पार्टी टूटी थी, तब छगन भुजबल मंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए इस समय जो हो रहा है, वह न केवल गलत बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। उनका कहना था कि अजित पवार को पार्टी में सभी का समर्थन प्राप्त है और इस विरोध का कोई असर नहीं होने वाला है।
रविवार, 15 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस सरकार के कैबिनेट विस्तार के दौरान कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से एनसीपी अजित पवार गुट के नौ विधायकों ने भी शपथ ली। हालांकि, छगन भुजबल को मंत्री पद नहीं दिया गया, जिससे उनके समर्थकों ने पुणे, नासिक सहित अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए और अजित पवार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।