ताजा खबर
‘वो पागल, बदतमीज, उपद्रवी है’, डोनाल्ड ट्रंप ने किसके लिए कही की ये बात?   ||    ब्रिटेन में क्यों छिड़ा फर्स्ट कजिन मैरिज विवाद? क्या दी गईं दलीलें और क्या कहती है सरकार   ||    पाकिस्तान में ट्रेन हादसा, बम धमाके के बाद पटरी से उतरी जाफर एक्सप्रेस   ||    कैलिफोर्निया में हेलिकॉप्टर क्रैश, 3 लोग गंभीर रूप से घायल, जांच जारी   ||    अमेरिका में जारी रहेगा शटडाउन, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स में क्यों छिड़ा विवाद?   ||    टैरिफ पर ट्रंप का एक और ऐलान, अब ट्रकों पर लगाया 25% टैक्स, कब से होगा लागू?   ||    कौन थे सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन सिंह? जिनका 29 सितंबर को हुआ था ट्रांसफर, पत्नी भी हैं IAS अधिकार...   ||    बिहार SIR के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी-जिनके नाम काटे, उनकी डिटेल दे चुनाव आयोग   ||    फिजिक्स के लिए अमेरिका के तीन साइंटिस्ट को मिला नोबल पुरस्कार, स्वीडन की एकेडमी ने किया ऐलान   ||    93 साल, अदम्य साहस, असंख्य बलिदान… पढ़ें भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास की कहानी   ||   

गैंगस्टर गजानन मर्ने केस में बॉम्बे हाई कोर्ट सख्त, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

Photo Source : Twitter

Posted On:Monday, September 29, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को पुणे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। अदालत ने पूछा कि आखिर गैंगस्टर गजानन मर्ने उर्फ गज्या को 23 मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन पुलिस ने इन आदेशों को कभी चुनौती क्यों नहीं दी। कोर्ट ने साफ कहा कि अगर लापरवाही साबित हुई तो संबंधित अफसरों पर कार्रवाई होगी।

यह मामला 19 फरवरी 2025 की घटना से जुड़ा है, जब कोथरुड इलाके में एक आईटी इंजीनियर के साथ सड़क पर विवाद हुआ और उसके बाद गज्या और उसके साथियों ने मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने गज्या को गिरफ्तार कर उस पर MCOCA लगाया। हालांकि, गज्या के वकील का तर्क है कि यह झगड़ा अचानक हुआ था और इसमें किसी गैंगस्टर गतिविधि की साजिश नहीं थी। शिकायतकर्ता ने भी अदालत में यही बात कही।

गज्या का नाम पहले भी अपहरण और हत्या जैसे गंभीर मामलों में सामने आ चुका है। उस पर कई बार MCOCA लगाया गया और यहां तक कि तलोजा जेल से रिहाई के दौरान कोविड नियमों की अनदेखी कर भीड़ ने उसका स्वागत किया था। अदालत ने इस पृष्ठभूमि को देखते हुए पुलिस से पूछा कि इतनी गंभीर पृष्ठभूमि वाले अपराधी को मिली जमानतों को चुनौती क्यों नहीं दी गई।

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक गीता मुलेकर ने कहा कि अभियोजक जमानत को चुनौती देने की सिफारिशें भेजते हैं। इस पर अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के कानून व न्याय विभाग के संयुक्त सचिव को निर्देश दिया कि दो हफ्तों में हलफनामा दाखिल करें, जिसमें विस्तार से बताया जाए कि गज्या के कितने मामले दर्ज हैं, कितनों में जमानत मिली और क्या उन आदेशों को चुनौती दी गई या नहीं। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.