पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को बड़ा मोड़ देखने को मिला, जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अचानक अपना पूरा पुणे दौरा रद्द कर दिया। वे पुणे के उरली कांचन में एक इमारत का उद्घाटन करने वाले थे, जहां उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) के सुप्रीमो शरद पवार भी मौजूद रहते। लंबे समय बाद चाचा-भतीजे को एक ही मंच पर देखने की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन अजित पवार के अचानक मुंबई रवाना होने से राजनीतिक हलकों में नई अटकलों ने जोर पकड़ लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, मुंबई में एक अहम बैठक बुलाई गई, जिसकी वजह से अजित पवार को पुणे के कार्यक्रम रद्द करने पड़े। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या उन्होंने शरद पवार से मंच साझा करने से बचने के लिए यह कदम उठाया। इस अचानक फैसले ने दोनों नेताओं के रिश्तों और उनकी रणनीतियों पर और भी चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
दरअसल, मुंबई के आज़ाद मैदान में तीन दिनों से मराठा आंदोलन जारी है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे लगातार उपवास पर हैं और उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है। डॉक्टरों की टीम ने शनिवार को उनकी हालत की जांच भी की। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें शामिल होने के लिए ही अजित पवार मुंबई गए।
इसी आंदोलन के बीच एक दुखद घटना भी सामने आई। लातूर के टकलगांव निवासी विजय घोगरे की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वे आरक्षण की मांग के समर्थन में अपने साथियों के साथ मुंबई पहुंचे थे। प्रदर्शन के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जीटी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस बीच, आंदोलन में शामिल कई अन्य प्रदर्शनकारियों की भी तबीयत बिगड़ रही है। पिछले दो दिनों में लगभग 100 लोगों को इलाज की जरूरत पड़ी है। मनोज जरांगे की भूख हड़ताल जारी है और उन्हें रविवार तक प्रदर्शन की अनुमति दी गई है।