पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के मावल तहसील में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया, जब इंद्रायणी नदी पर बना पुराना पुल अचानक गिर गया। इस हादसे में चार लोगों की जान चली गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। पुल के गिरते समय उस पर 100 से अधिक लोग मौजूद थे। हादसे के बाद प्रशासन ने ज़िले में सभी पुराने और जर्जर पुलों को हटाने का फैसला लिया है, ताकि आगे ऐसी दुर्घटनाएं न हों।
जानकारी के अनुसार, कुंदमाला क्षेत्र में स्थित यह पुल साल 1993 में बना था और अब इस्तेमाल के लायक नहीं था। पुल पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए थे, लेकिन रविवार को बड़ी संख्या में लोग इन्हें अनदेखा कर पुल पर चढ़ गए, जिससे यह हादसा हो गया। प्रशासन अब जांच कर रहा है कि इस मामले में कहीं लापरवाही तो नहीं हुई। इसके लिए एक विशेष जांच समिति का गठन किया जाएगा।
पुणे के जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने बताया कि भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगाना या बैरिकेड्स लगाना काफी नहीं है। अब प्रशासन खतरनाक माने जा रहे सभी पुलों को चिन्हित कर उन्हें पूरी तरह से हटाएगा। जिस पुल पर यह हादसा हुआ, उसके स्थान पर नया पुल बनाने की प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
इस बीच कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने इस हादसे पर सरकार की गंभीर लापरवाही बताई और उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पुल असुरक्षित था तो उसे जनता के लिए बंद क्यों नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के बाद मुआवजा देना सरकार की जिम्मेदारी से भागने का तरीका नहीं हो सकता। सपकाल ने सभी खतरनाक पुलों के ऑडिट को महज़ दिखावा बताया और जिम्मेदार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने की मांग की।