पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र सरकार ने पुणे शहर की लाइफलाइन मुळा-मुठा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत 842.85 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें मौजूदा नौ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) को अत्याधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा। इन प्लांट्स से नदी में छोड़ा जाने वाला पानी अब पहले से कहीं ज्यादा साफ होगा। इस योजना में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, पुणे महानगरपालिका (PMC) और निजी भागीदार मिलकर निवेश करेंगे।
इस परियोजना में सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर (SBR) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा तय किए गए नए मानकों के अनुरूप पानी को शुद्ध किया जा सकेगा। इसके तहत पुराने भैरवबा और तानाजीवाड़ी के STP को तोड़कर नए प्लांट बनाए जाएंगे, जबकि अन्य सात STP को अपग्रेड किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, पुराने मानकों में BOD (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) 30 से कम और COD (केमिकल ऑक्सीजन डिमांड) 100 से कम होना पर्याप्त था, लेकिन अब नए नियमों के तहत BOD 10 से कम और COD 50 से कम रखना होगा।
फिलहाल पुणे में 10 STP मौजूद हैं जिनकी क्षमता 567 MLD (मिलियन लीटर प्रति दिन) है, लेकिन एक प्लांट ध्वस्त होने के कारण प्रभावी क्षमता 477 MLD रह गई है। नई परियोजना और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा चल रही योजनाओं के पूरा होने के बाद 2027 तक क्षमता में 396 MLD की बढ़ोतरी होगी। भविष्य को देखते हुए सरकार का लक्ष्य है कि 2037 तक 1,072 MLD और 2047 तक 1,450 MLD क्षमता हासिल की जाए, ताकि बढ़ती आबादी की जरूरत पूरी की जा सके और नदी को प्रदूषण से मुक्त रखा जा सके।