पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है। इस बार विवाद के केंद्र में हैं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और उनके बेटे पार्थ पवार, जिन पर पुणे में जमीन घोटाले के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि पार्थ की कंपनी ने लगभग 1,800 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 300 करोड़ रुपये में खरीद ली। मामला उजागर होते ही मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए और पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस विवाद पर कहा कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं और किसी भी गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अजीत दादा ने इस मामले पर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। वहीं, रिपोर्ट के अनुसार, पार्थ पवार Amedia Holdings LLP नामक कंपनी के डायरेक्टर हैं, जिसने पुणे के मुंढवा इलाके में 16.19 हेक्टेयर यानी करीब 40 एकड़ जमीन खरीदी थी। कहा जा रहा है कि जहां इस जमीन की बाजार कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये थी, वहीं सौदा मात्र 300 करोड़ रुपये में किया गया।
इसके अलावा, स्टाम्प ड्यूटी को लेकर भी सवाल उठे हैं। जहां 21 करोड़ रुपये का भुगतान होना चाहिए था, वहां कथित तौर पर केवल कुछ लाख रुपये में रजिस्ट्री कराई गई। इस पूरे मामले में नियमों और सरकारी प्रक्रियाओं की अनदेखी का आरोप लगाया जा रहा है। अब सरकार ने इस डील की जांच के लिए समिति गठित कर दी है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
मामला गरमाने के बाद अजीत पवार ने सफाई देते हुए कहा कि यह डील अब रद्द कर दी गई है और जमीन के बदले एक रुपये का भी भुगतान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि “हमने खुद यह सौदा रद्द किया क्योंकि हमें इसमें कुछ गड़बड़ नजर आई। मैं पारदर्शिता में विश्वास रखता हूं और जांच के लिए पूरी तरह तैयार हूं।” अब सबकी नजर जांच समिति की रिपोर्ट पर है, जो तय करेगी कि महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या हलचल मचने वाली है।