पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में मसाला फैक्ट्री में काम कर रहे झारखंड के प्रवासी मजदूर निरंजन हेम्ब्रम की मौत से उनके गांव में मातम छा गया। बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के करमांटांड निवासी 52 वर्षीय निरंजन को मंगलवार को सीने में दर्द हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई। शुक्रवार सुबह जैसे ही उनका शव गांव पहुंचा, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
निरंजन की बेटी नैंसी ने बताया कि पिता की तबीयत बिगड़ने की सूचना उन्हें फोन पर दी गई थी। वहीं उनका इकलौता बेटा अभिषेक भी पिता की मौत के एक दिन पहले ही काम की तलाश में पाकुड़ गया था। पिता के निधन की खबर मिलते ही वह भी घर लौट आया। घर में अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
घटना पर पंचायत के मुखिया बंटी उरांव और राजद श्रमिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अरुण यादव ने गहरी संवेदना व्यक्त की। अरुण यादव ने कहा कि झारखंड में रोजगार की कमी के कारण मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बन चुका है। अगर स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध होता, तो शायद ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की।
गोमिया बीडीओ महादेव कुमार महतो ने कहा कि अगर मृतक श्रम विभाग में निबंधित थे, तो विभागीय नियमों के तहत उन्हें मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। गांव में निरंजन की मौत के बाद पलायन और रोजगार की समस्या फिर चर्चा में आ गई है।