पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने सह्याद्री सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, डेक्कन में लीवर ट्रांसप्लांट के बाद दंपति की मौत के मामले की जांच के लिए आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता चेन्नई के प्रसिद्ध लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन और इंटरनेशनल लीवर ट्रांसप्लांट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. डॉ. मोहम्मद रेला करेंगे।
समिति में मुंबई के केईएम अस्पताल के डॉ. राम प्रभु, आईएससीसीएम के पूर्व उपाध्यक्ष और इंटेंसिविस्ट डॉ. राहुल पंडित, संक्रामक रोग विशेषज्ञ और नेशनल आईडी सोसाइटी ऑफ इंडिया के सचिव डॉ. वasant नागवेकर, लीवर ट्रांसप्लांट एनेस्थीसिया सोसाइटी ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य डॉ. विजय वोहरा, केईएम अस्पताल के हेपेटोलॉजिस्ट और रोट्टो-सोट्टो महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. आकाश शुक्ला, ससून जनरल अस्पताल पुणे के सर्जन डॉ. पदमसैन रानबागले और स्वास्थ्य सेवाएं पुणे के उप संचालक डॉ. भगवान पवार शामिल हैं। डॉ. पवार समिति के सचिव होंगे।
मामला 48 वर्षीय बापू कोमकर का है, जिनका 15 अगस्त को लीवर ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी पत्नी कामिनी कोमकर (41) ने अंगदान किया था। सर्जरी के तुरंत बाद बापू की तबीयत बिगड़ी और उसी दिन उनकी मौत हो गई। कामिनी को भी जटिलताएं हुईं और 22 अगस्त को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने मेडिकल लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इसके बाद 26 अगस्त को स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में सह्याद्री अस्पताल का लीवर ट्रांसप्लांट लाइसेंस निलंबित करने और जांच समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सह्याद्री अस्पताल की लाइव लीवर ट्रांसप्लांट सेवा जांच पूरी होने तक बंद रहेगी। समिति को चार हफ्तों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि सरकारी और नियामक एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और वे पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। जांच पूरी होने तक वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।