पुणे न्यूज डेस्क: इंदौर के रिटायर्ड सूबेदार मेजर नंद किशोर झाड़े अपने बेटे की मौत का सच जानने के लिए तीन महीने से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका बेटा विनय झाड़े, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, 9 अगस्त को पुणे में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया। दुखद बात यह रही कि पुणे पुलिस ने विनय के शव को अज्ञात समझकर अंतिम संस्कार भी कर दिया। पिता का कहना है कि यह कोई सामान्य मौत नहीं बल्कि टारगेट किलिंग का मामला है। वे लगातार अधिकारियों और पुलिस से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक जांच अधूरी है।
नंद किशोर झाड़े का कहना है कि उन्होंने सीमा पर देश की रक्षा की, पर अब खुद न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उनका दावा है कि उनके बेटे की हत्या उसी कंपनी के लोगों ने की, जहां वह काम करता था। वह बताते हैं कि जब वे अपने बेटे की तलाश कर रहे थे, तभी पुलिस ने बिना परिवार को सूचित किए उसका अंतिम संस्कार कर दिया। यह जानकारी उन्हें तब मिली जब उन्होंने खुद पुलिस को विनय की तस्वीर दिखाई और शव की पहचान की।
पिता ने कई बार पुणे और वाकड पुलिस कमिश्नर से मिलने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इंदौर से लेकर महाराष्ट्र तक के अधिकारियों से संपर्क किया, यहां तक कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से भी मदद मांगी। बाद में उन्हें पता चला कि विनय के सोशल मीडिया अकाउंट पर धर्म और राजनीति से जुड़े कई विवादित पोस्ट थे, जिन पर कुछ लोगों से उसकी बहस हुई थी। इसी के बाद पिता को शक है कि बेटे को उन्हीं पोस्टों के कारण निशाना बनाया गया।
अब नंद किशोर झाड़े ने सीबीआई जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि बेटे की मौत के बाद उनसे जुड़े लोग उनके घर राऊ तक आ गए और उन पर हमले की कोशिश की। उन्होंने पुलिस को लिखित में बताया है कि यदि उनके साथ कुछ होता है, तो इसकी जिम्मेदारी महाराष्ट्र पुलिस और संबंधित अधिकारियों की होगी। इधर, पुणे पुलिस ने कहा है कि जांच अभी जारी है और हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है।