पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के 82 वर्षीय सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, जो एक साल से पीठ दर्द के चलते बिस्तर से उठ नहीं पा रहे थे, को ठाणे के डॉक्टरों ने फिर से खड़ा कर दिया। 1962 और 1971 के युद्धों में सेवा देने वाले इस योद्धा को असहनीय दर्द से निजात दिलाने के लिए जोखिम उठाकर रीढ़ की जटिल सर्जरी की गई, जो सफल रही।
अत्यधिक दर्द से पीड़ित इस बुजुर्ग को व्हीलचेयर पर KIMS अस्पताल लाया गया था। यहां न्यूरो सर्जन डॉ. कपिल खंडेलवाल ने जांच कर उन्हें लम्बर कैनाल स्टेनोसिस का मरीज पाया — एक ऐसी स्थिति जिसमें रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है और चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। उम्र और हृदय रोग के चलते कई डॉक्टरों ने सर्जरी से इनकार कर दिया था, लेकिन ठाणे की टीम ने साहसिक निर्णय लेते हुए ऑपरेशन किया।
डॉक्टरों की टीम ने L3/L4 डिस्केक्टॉमी और L4/L5 फ्यूज़न सर्जरी के जरिए उनकी रीढ़ का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के अगले दिन ही मरीज चलने लगे और महज पांच दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस जटिल सर्जरी में डॉक्टरों ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक ओपन सर्जरी का रास्ता चुना।
डॉ. खंडेलवाल ने कहा कि उम्र चाहे कोई भी हो, अगर सही योजना और टीमवर्क हो तो जोखिम भरी सर्जरी भी सफल हो सकती है। इस मामले ने साबित कर दिया कि मरीज की जीवन गुणवत्ता को प्राथमिकता देकर हर चुनौती को पार किया जा सकता है।