पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ में पुलिस ने दोपहिया वाहन चोरी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में एक मैकेनिकल इंजीनियर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान संतोष मारुति शिंदे, धीरज प्रदीप सावंत और बालाजी उर्फ तात्यासाहेब दादा भोसले के रूप में हुई है। पुलिस ने इनसे 53 चोरी की गई दोपहिया गाड़ियां बरामद की हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 26 लाख रुपये बताई जा रही है। खास बात यह है कि गिरफ्तार धीरज प्रदीप सावंत पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर है। पूछताछ में उसने बताया कि बेरोजगारी और नौकरी न मिलने के कारण उसने चोरी का रास्ता अपनाया। गिरोह खास तौर पर स्प्लेंडर बाइक को निशाना बनाता था और चुराई गई गाड़ियों को पुणे के ग्रामीण इलाकों में 10 से 15 हजार रुपये में बेच देता था।
पुलिस को इस गिरोह का सुराग तब मिला जब पिंपरी पुलिस स्टेशन की सीमा में लगातार हो रही बाइक चोरी की घटनाओं की जांच के लिए 100 से 150 सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से पड़ताल की गई। जांच के दौरान पुलिस को मोरवाड़ी मेट्रो स्टेशन के पास एक संदिग्ध युवक बाइक चोरी की फिराक में घूमते हुए नजर आया। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर संतोष मारुति शिंदे को रंगे हाथ पकड़ लिया। संतोष से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके बाकी साथियों धीरज और बालाजी को भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद अब तक 53 दोपहिया वाहन बरामद किए हैं, जिससे 35 चोरी के मामलों का खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह सुनियोजित तरीके से शहरी इलाकों से वाहन चोरी करता था और फिर उन्हें कम दामों पर ग्रामीण इलाकों में बेच देता था। इस पूरी कार्रवाई को पुलिस उपायुक्त स्वप्ना गोरे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अशोक कडलग के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक दिगंबर अतीग्रे के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्य भी सक्रिय हैं या नहीं।