पुणे न्यूज डेस्क: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। जो लोग सुकून के कुछ पल बिताने कश्मीर की वादियों में पहुंचे थे, उन्हें नहीं पता था कि ये सफर उनकी ज़िंदगी का आख़िरी पड़ाव साबित होगा। ये हमला सिर्फ कुछ लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे देश के दिल पर वार था।
इस हमले में जान गंवाने वाले सभी पर्यटकों के शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। अलग-अलग राज्यों से आए इन लोगों का अब अपने-अपने शहरों में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। गुजरात से आए एक पिता-पुत्र की अर्थियां जब एक साथ उठीं, तो हर आंख भर आई। शोक में डूबा पूरा इलाका इस दर्द को महसूस कर रहा था।
वहीं पुणे में एक बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी, और उस जलती चिता को देखती उसकी आंखों में आंसुओं के साथ इंसाफ की चुप्पी भी साफ दिखी। यह हमला न सिर्फ परिवारों से उनके अपने छीन ले गया, बल्कि पूरे देश के सामने फिर से यह सवाल खड़ा कर गया – क्या आम लोग कहीं भी सुरक्षित हैं?