पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे में 19 मई को हुए पोर्श कार हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त गणेश इंगले ने बताया कि उन्होंने आरोपी और उसके दो कर्मचारियों के मोबाइल फोन जब्त किए हैं, जिनकी जांच में पता चला कि एक कर्मचारी ने सह-आरोपी के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए थे। इन पैसों से आरोपी के बेटे का खून बदलवाया गया था। पुलिस व्हाट्सएप पर हुई बातचीत की भी जांच कर रही है, जिसमें 2 लाख रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है।
यह हादसा 19 मई को हुआ था, जब एक तेज रफ्तार पोर्श ने दो आईटी इंजीनियरों की बाइक को टक्कर मारी, जिससे उनकी मौत हो गई। कार को 17 वर्षीय किशोर चला रहा था, जो नशे में था। हादसे के बाद येरवडा पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह किशोर पुणे के एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा है।
जांच में यह भी पता चला कि जब नाबालिग आरोपी को सासून अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया था, तो उसके खून के नमूने को कथित तौर पर उसकी मां के खून से बदल दिया गया। पुलिस ने इस मामले में नाबालिग के माता-पिता और अस्पताल के सात कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें अस्पताल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
फिल्मी जैसे इस मामले में यह भी पता चला कि हादसे के समय पोर्श में सवार नाबालिग के दो दोस्तों के खून के नमूने भी सासून अस्पताल में बदल दिए गए थे। पुलिस ने अब इन दोस्तों के पिता और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, एक पिता को अपने बेटे का खून बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और दूसरे पिता के खिलाफ भी जांच चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत से इनकार करने के बाद 47 वर्षीय पिता ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी के कर्मचारी ने सह-आरोपी को पैसे ट्रांसफर किए थे, और इसके बारे में और जांच की आवश्यकता है। पुलिस को इस मामले में और पैसों के लेन-देन के सुराग मिल सकते हैं।