पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में बढ़ते अपराधों को लेकर सियासत गर्म हो गई है। पहले बीड में सरपंच की हत्या और अब पुणे में एक कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़की की हत्या ने राज्य में हलचल मचा दी है। पुणे की इस घटना में शुभदा नाम की युवती की उसके सहकर्मी ने पैसे के विवाद में चॉपर से हमला कर हत्या कर दी। इस घटना ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस घटना पर देवेंद्र फडणवीस की पुलिस को जमकर निशाने पर लिया।
अजित पवार ने पुणे में बढ़ते अपराधों पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस को हरसंभव संसाधन दिए हैं, फिर भी पुलिस अपराध रोकने में नाकाम रही है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सीनियर पुलिस अधिकारी अपराध कंट्रोल नहीं कर सकते, तो वे अपनी असमर्थता बताएं। पवार ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अपराध नियंत्रण के लिए नए अधिकारियों को नियुक्त करेगी।
यह बयान अजित पवार ने ऐसे समय दिया है जब पुणे के येरवडा में एक कंपनी के पार्किंग में शुभदा की सरेआम हत्या कर दी गई। पुलिस के काम में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप न होने का दावा करते हुए पवार ने कहा कि सीनियर पुलिस अधिकारियों की विफलता के कारण कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है। यह घटना सीधे तौर पर गृह मंत्रालय से जुड़ी है, जो फिलहाल देवेंद्र फडणवीस के पास है। ऐसे में पवार के बयानों को फडणवीस पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
अजित पवार का यह हमला इसलिए भी खास है क्योंकि बीड में सरपंच हत्या मामले में वह खुद बैकफुट पर हैं। सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले में एनसीपी नेता और मंत्री धनंजय मुंडे का नाम सामने आने के बाद उनके इस्तीफे की मांग हो रही है। पवार ने मुंडे का बचाव करते हुए कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, पुणे की घटना पर पवार की तीखी प्रतिक्रिया को राजनीतिक प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है।
पुणे की घटना 7 जनवरी को हुई, जब शुभदा को उसके सहकर्मी ने पार्किंग में चॉपर से काट दिया। घटना का वीडियो सामने आया, जिसमें आरोपी ने हमला करने के बाद चॉपर फेंक दिया। लोगों ने उसे पकड़कर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि शुभदा ने आरोपी से पैसे उधार लिए थे और विवाद के चलते यह हत्या हुई। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में एक्शन लेते हुए राज्य पुलिस को पत्र लिखा है। इस घटना ने महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।