पुणे न्यूज डेस्क: पुणे से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी को साइबर ठगों ने 2.46 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। ठग ने खुद को एक प्रोफेसर और सरकारी शोध परियोजनाओं से जुड़े व्यक्ति के रूप में पेश किया और यूनिवर्सिटी प्रबंधन को यह विश्वास दिलाया कि वे सरकारी फंडेड रिसर्च प्रोजेक्ट्स तक पहुंच बना सकते हैं। यह पूरा खेल 25 जुलाई से 7 अगस्त के बीच चला।
शुरुआत तब हुई जब यूनिवर्सिटी के सीईओ को एक मैसेज मिला, जिसमें खुद को सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति के नाम से परिचित कराया गया। इसके बाद ठग ने खुद को आईआईटी मुंबई का प्रोफेसर बताकर एक 28 करोड़ रुपये के डीएसटी-डीआरडीओ प्रोजेक्ट का झांसा दिया। eligibility पाने के नाम पर यूनिवर्सिटी से 25 जुलाई को 56 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए।
कुछ दिनों बाद ठग ने फिर संपर्क किया और 28 करोड़ रुपये के “एआई टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट” का ऑफर दिया। इस बार भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने 30 जुलाई को 46 लाख रुपये भेज दिए। 7 अगस्त को ठग ने 72 करोड़ रुपये के “मशीन लर्निंग प्रोजेक्ट” की कहानी सुनाकर 1.44 करोड़ रुपये और निकलवा लिए। इस तरह कुल 2.46 करोड़ रुपये की ठगी हो गई।
ठग ने 28 अगस्त को पुणे आने और एमओयू साइन करने का आश्वासन दिया, लेकिन जब वह नहीं आया, तब सीईओ ने असली आईआईटी प्रोफेसर से संपर्क किया और सच्चाई सामने आई। इसके बाद साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई और एफआईआर भी हुई। अब पुलिस इस हाई-प्रोफाइल ठगी के पीछे के मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है।