पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के चर्चित 'ड्रग्स पार्टी केस' में बड़ा अपडेट सामने आया है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से के दामाद डॉक्टर प्रांजल खेवलकर समेत सात आरोपियों की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (FSL) रिपोर्ट आ गई है। ब्लड सैंपल की जांच में साफ हुआ है कि किसी भी आरोपी ने मौके पर ड्रग्स का सेवन नहीं किया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी पार्टी की शुरुआत में ही हो गई थी, इसलिए ब्लड में नशे का कोई अंश नहीं मिला।
गौरतलब है कि पुणे क्राइम ब्रांच ने 27 जुलाई को तड़के खेवलकर और छह अन्य लोगों को शहर के पॉश इलाके खराड़ी स्थित एक स्टूडियो अपार्टमेंट से पकड़ा था। इस दौरान पुलिस को 2.7 ग्राम कोकीन जैसी सामग्री, 70 ग्राम गांजा, एक हुक्का पॉट, कई फ्लेवर और शराब की बोतलें मिली थीं। जांच रिपोर्ट में इन बरामद पदार्थों को कोकीन, गांजा और एमडी (मेफेड्रोन) बताया गया है।
पुलिस का कहना है कि ब्लड रिपोर्ट भले ही निगेटिव आई हो, लेकिन केस पर इसका असर नहीं होगा क्योंकि मामला ‘कब्जे और बरामदगी’ से जुड़ा है, सेवन से नहीं। इसी वजह से आरोपियों पर नशा करने से जुड़ी धाराएं नहीं लगाई गईं। पुलिस ने यह भी दावा किया कि खेवलकर को पार्टी और ड्रग्स की पूरी जानकारी थी। एक चैट में उन्होंने खुद ‘माल’ रखने की बात कही थी, जिसके आधार पर उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है।
बीते हफ्ते पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। वहीं 25 सितंबर को पुणे की अदालत ने प्रांजल खेवलकर समेत तीन आरोपियों को जमानत दे दी थी। हालांकि क्राइम ब्रांच का कहना है कि जांच अभी जारी है और आगे की सुनवाई में बरामद ड्रग्स और डिजिटल चैट्स अहम सबूत साबित होंगे।