पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति और समाज में इन दिनों मुलशी तालुका की रहने वाली वैष्णवी हगवणे की संदिग्ध मौत चर्चा का विषय बनी हुई है। वह अजित पवार गुट के एनसीपी नेता राजेंद्र हगवणे की बहू थीं। शुक्रवार, 16 मई को पुणे के भुकूम गांव में उनके घर से उनकी लाश मिली। शुरुआती जानकारी में इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन वैष्णवी के पिता ने आरोप लगाया है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है, जिसमें उनके पति शशांक हगवणे और ससुराल के कई सदस्य शामिल हैं।
पुलिस ने वैष्णवी के पति, ससुर, सास, ननद और देवर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है। शिकायत वाकड के आनंद कसपटे ने दर्ज करवाई है। पुलिस के अनुसार, वैष्णवी ने सुबह करीब 5 बजे फांसी लगाई थी। पति शशांक ने दरवाजा तोड़ा और उसे तुरंत अस्पताल ले गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच में यह भी सामने आया कि वैष्णवी के शरीर पर चोट के कई निशान थे।
वैष्णवी और शशांक की शादी 2023 में प्रेम विवाह के तौर पर हुई थी, जिसमें भारी दहेज भी दिया गया था। शिकायत के मुताबिक, शादी के तुरंत बाद ही वैष्णवी को ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा। सास-ननद बर्तन और दहेज को लेकर उसे ताने मारते थे। पति शशांक ने भी उस पर शक किया और गर्भवती होने के बाद उसके चरित्र पर सवाल उठाकर उसे पीटा और घर से निकाल दिया।
वैष्णवी के परिवार का आरोप है कि शशांक ने उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की थी, जमीन खरीदने के लिए। पैसे न देने पर उसे प्रताड़ित किया गया। मार्च 2025 में एक बार सास और ननद ने मिलकर उसे पीटा और उसका अपमान किया। उसे कार में बिठाकर दूर ले जाकर धमकाया भी गया। जब उसने आत्महत्या की चेतावनी दी, तब जाकर उन्होंने मारपीट बंद की।
घटना के बाद से ससुर राजेंद्र हगवणे और शशांक फरार हैं, जबकि मां लता और बहन करिश्मा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि मौत का कारण गला घोंटना है, और शरीर पर चोट के कई निशान हैं। कुछ अंगों को जहर की जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस हर एंगल से मामले की छानबीन कर रही है और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।