पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के मंचर में पत्रकार स्नेहा बर्वे पर हुए हमले को लेकर 10 दिन बाद भी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 4 जुलाई को जब स्नेहा नदी किनारे हो रहे अवैध निर्माण की रिपोर्टिंग कर रही थीं, तभी उन पर डंडे से हमला हुआ था। इस हमले में स्नेहा को गंभीर चोटें आईं और वह अस्पताल में भर्ती रहीं। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपी पांडुरंग मोराडे अभी भी फरार है।
स्नेहा का कहना है कि पांडुरंग इलाके का हिस्ट्रीशीटर है और उस पर हत्या व अवैध कब्जों के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसके दोनों बेटों समेत छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। हालांकि, अब तक उस पर हत्या के प्रयास की गंभीर धाराएं नहीं लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपियों की भी तलाश जारी है और जल्द गिरफ्तारी होगी।
स्नेहा ने बताया कि बीते कुछ महीनों से उन्हें रिपोर्टिंग के चलते धमकियां मिलती रही हैं। फरवरी में खराब सड़क की रिपोर्टिंग के बाद उनके ऑफिस के बाहर हंगामा हुआ था। वहीं, जुलाई 2024 में पूर्व सांसद शिवाजीराव अधालराव पाटिल ने भी उन्हें धमकी भरे फोन किए थे। इन सभी मामलों में स्नेहा ने पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई हैं।
फिलहाल स्नेहा अपनी चोटों से उबरने पर ध्यान दे रही हैं, लेकिन उनका कहना है कि धमकियों से डरकर वे चुप नहीं बैठेंगी। पूर्व सांसद अधालराव ने सफाई दी है कि उन्होंने स्नेहा को सिर्फ अपनी आपत्ति जताने के लिए फोन किया था, धमकाने के लिए नहीं।