पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के चांदन नगर इलाके में एक पूर्व सैनिक के परिवार को उस वक्त गहरा झटका लगा जब 26 जुलाई की रात कुछ अज्ञात लोग उनके घर में घुस आए। इरशाद अहमद शेख नामक व्यक्ति का दावा है कि उन अज्ञात लोगों में कुछ सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जो उनके परिवार को धमका रहे थे। आरोप है कि महिलाओं और बच्चों को जबरन घर से उठाया गया और नागरिकता साबित करने के नाम पर प्रताड़ित किया गया।
इरशाद ने बताया कि उन्हें और उनके भतीजे शमशाद को रात में पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां एक महिला पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर धमकी दी कि अगर सुबह 11 बजे तक नागरिकता से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं किए गए, तो उन्हें बांग्लादेशी घोषित कर दिया जाएगा। इरशाद ने कहा, "हमारा परिवार भारतीय है, हमारे बुजुर्गों ने देश के लिए जंग लड़ी है, फिर भी हमें अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ रही है।"
इरशाद ने यह भी बताया कि उनके दो चाचा 1965 और 1971 की जंग में सेना में थे, जबकि उनका सगा भाई कारगिल युद्ध में शामिल था। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिरकार ऐसे परिवार से नागरिकता का सबूत क्यों मांगा जा रहा है? यह न सिर्फ़ असंवेदनशील है बल्कि देशभक्त परिवार के आत्म-सम्मान पर हमला भी है।
परिवार ने इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया है और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह और कई निर्दोष परिवारों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। फिलहाल पुलिस की ओर से आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।