पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में पुलिस ने एक निजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर को फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान डॉ. वीरेंद्र सिंह आसाराम यादव के रूप में हुई है, जो वागोली स्थित कॉलेज में केमिस्ट्री पढ़ाते हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि उन्होंने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के नाम से एक नकली लेटर तैयार किया, जिसमें प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर अवॉर्ड दिए जाने का दावा किया गया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यादव ने मंत्री के लेटरहेड और हस्ताक्षर को फर्जी तरीके से कॉपी किया। खास बात यह रही कि पत्र में शांति स्वरूप भटनागर अवॉर्ड का जिक्र था, जबकि अब इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार कर दिया गया है। आरोपी ने यह पत्र किसी सरकारी संस्था को तो नहीं सौंपा, लेकिन अपने दोस्तों और सहकर्मियों को दिखाया, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़े। यही पत्र बाद में सोशल मीडिया पर फैल गया और मंत्रालय के अधिकारियों की नजर में आया।
मामले की जांच काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट ग्रुप ने की और पाया कि पत्र पूरी तरह फर्जी है। इसके बाद CSIR-एनसीएल के सुरक्षा अधिकारी ने वागोली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यादव ने यह फर्जी पत्र कैसे तैयार किया और क्या इसके पीछे कोई और साथी भी शामिल है। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर 26 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।