पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के मशहूर रूबी हॉल क्लिनिक से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां रेडियोलॉजी विभाग में रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर काम कर रहे 28 वर्षीय श्याम वोरा ने रविवार देर रात खुदकुशी कर ली। श्याम ढोले पाटिल रोड स्थित दामोदर भवन हॉस्टल में रहते थे, जहां करीब 80 से 100 डॉक्टरों का ठिकाना है। जब वे देर रात तक कमरे से बाहर नहीं आए, तो सुरक्षा गार्ड को शक हुआ। दरवाज़ा तोड़कर देखा गया तो श्याम को फांसी पर लटका पाया गया।
श्याम वोरा मूल रूप से गुजरात के भावनगर जिले के रहने वाले थे। वे पिछले एक साल से पुणे में रहकर रेडियोलॉजी डायग्नोसिस में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पुलिस को घटनास्थल से एक कागज़ मिला है, जिस पर उन्होंने अपने मोबाइल का पासवर्ड लिखा था। माना जा रहा है कि फोन में सुसाइड की असली वजह का पता चल सकता है। अब पुलिस फोन की जांच में जुटी है।
अस्पताल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, श्याम पिछले कुछ समय से भारी मानसिक दबाव में थे। बताया जा रहा है कि एक सीनियर डॉक्टर के व्यवहार से वे तनाव में थे, हालांकि अभी इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस दर्दनाक खबर से अस्पताल और मेडिकल स्टाफ में शोक की लहर है।
इस घटना ने एक बार फिर मेडिकल प्रोफेशन में मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल के तनाव की गंभीरता को उजागर किया है। हाल ही में सोलापुर के न्यूरोसर्जन डॉ. शिरीष वलसांगकर की आत्महत्या और एक ट्रेनी डॉक्टर द्वारा गला रेतने की खबरें आई थीं। अब श्याम वोरा की खुदकुशी ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या डॉक्टरों के लिए काम का माहौल वाकई सुरक्षित और सहायक है, या वे अंदर ही अंदर टूट रहे हैं?