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दिल्ली में जल संकट को लेकर हुई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कहा यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल, हमारे पास एक्सपर्टीज नहीं, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Thursday, June 13, 2024

मुंबई, 13 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हिमाचल प्रदेश ने कोर्ट को बताया कि हमारे पास दिल्ली को देने के लिए 136 क्यूसेक पानी नहीं है। जबकि एक दिन पहले हिमाचल ने कहा था कि हमारी तरफ से पानी छोड़ा गया है। हरियाणा की तरफ से पानी सप्लाई किया जाना बाकी है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना के पानी का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। हमारे पास दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच जल-बंटवारे के फॉर्मूले पर फैसला लेने की टेक्निकल एक्सपर्टीज नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पानी देने का फैसला अपर रिवर यमुना बोर्ड पर छोड़ दिया। कोर्ट ने कहा कि यमुना रिवर बोर्ड ने पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की आपूर्ति के लिए आवेदन जमा करने का निर्देश दिया है। अगर दिल्ली सरकार ने एप्लिकेशन नहीं दी है तो आज शाम 5 बजे तक दे दें। कोर्ट ने यमुना रिवर बोर्ड को शुक्रवार (14 जून) को एक बैठक बुलाकर दिल्ली सरकार के एप्लिकेशन पर जल्द से जल्द फैसला लेने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि अगर जरूरत हो तो रोज बैठक कीजिए।

दरअसल, दिल्ली की AAP सरकार ने जल सकंट को लेकर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी। हिमाचल प्रदेश एक्स्ट्रा पानी देने के लिए तैयार था। कोर्ट ने 6 जून को हिमाचल को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि यह पानी हमारे यहां अभी नहीं पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने टैंकर माफिया द्वारा मुनक नहर से पानी चोरी करने के मामले में दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट में झूठे बयान देने को लेकर भी AAP सरकार को जमकर फटकारा। कोर्ट ने कहा कि अगर आप टैंकर माफिया से नहीं निपट सकते हैं तो हम दिल्ली पुलिस से इस मामले में एक्शन लेने के लिए कहेंगे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 13 जून तक इस संबंध में जवाब मांगा था। दिल्ली सरकार के वकील एएम सिंघवी ने आज कोर्ट को आश्वासन दिया कि टैंकर माफिया से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

आपको बता दें, दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल बांध के पानी से पूरी करती है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल (रावी-व्यास नदी) से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था। इसके अलावा कुएं, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था। यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था। 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया। तो वहीं, कहा,दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि दिल्ली में कुल जल आपूर्ति में से केवल 4-5 मिलियन गैलन प्रतिदिन पानी की सप्लाई टैंकरों से होती है। टैंकर माफियाओं को रोकने से भी समस्या खत्म नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन पानी की कमी तब तक पूरी नहीं की जा सकती, जब तक दिल्ली को वजीराबाद बैराज और मुनक नहर में अपना उचित हिस्सा नहीं मिल जाता। वहीं, भाजपा नेताओं ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से मुलाकात कर मुनक नहर और अन्य स्रोतों से पानी की चोरी को लेकर टैंकर माफिया के खिलाफ एक विशेष जांच दल गठित करने और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।


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