ताजा खबर
पुणे में IT प्रोफेशनल ने दोस्त पर लगाया दुष्कर्म का झूठा आरोप, पुलिस जांच में खुली सच्चाई   ||    छांगुर बाबा का नया खेल: धर्मांतरण के नाम पर पुणे में करोड़ों की संपत्तियां, कोर्ट क्लर्क की पत्नी को...   ||    BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी क्यों? सामने आई 3 बड़ी वजह, चर्चा में है ये 4 बड़े नाम   ||    उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से सड़कें ब्लॉक, हिमाचल में बादल फटने से बाढ़; बारिश से किस राज्य में कैसे ...   ||    राफेल की इमेज खराब करने के लिए चीन का प्रोपेगैंडा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद फैलाई थी अफवाह   ||    Amarnath Yatra: ‘ऐसा लग रहा है मानो स्वर्ग आ गए…’, यात्री बोले- कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता   ||    ‘ग्लोबल साउथ दोहरे मानदंडों का शिकार, भारत मानवता के हित में’, BRICS सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री म...   ||    दुनिया के 7 अजूबे कौन से हैं? जिनका 7 जुलाई को ही हुआ था ऐलान, ताजमहल ने पाया था 7वां स्थान   ||    LIVE आज की ताजा खबर, 7 July 2025 Today Breaking News: 18 जुलाई को बिहार आएंगे PM मोदी, मोतिहारी में ...   ||    ट्रंप की नेतन्याहू से मुलाकात क्यों जरूरी है? जंग के बाद पहली बार किन मुद्दों पर होगी चर्चा   ||   

Operation Sindoor: भारत के हमले से नेस्तनाबूद हुए आतंकी कैंप, नई सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी तबाही

Photo Source :

Posted On:Tuesday, July 1, 2025

3 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अमरनाथ यात्रा की तैयारी कर रहे सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस कायराना हमले में कई जवान शहीद हुए थे और इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की साजिश माना गया। इसके जवाब में भारत ने 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को एक गोपनीय और निर्णायक सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के अंदर मौजूद कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनकी पुष्टि अब सैटेलाइट इमेज के जरिए भी हो चुकी है।


कहां-कहां हुआ हमला?

NDTV द्वारा जारी की गई हाई-रेजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हुआ है कि भारत ने दो बड़े आतंकी ठिकानों को टारगेट किया:

  1. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद (PoK)

  2. गुलपुर कैंप, कोटली जिला (PoK)

सैयदना बिलाल कैंप को जैश-ए-मोहम्मद का बड़ा अड्डा माना जाता था। यहां आतंकियों को हथियार चलाने, बारूद बनाने, और जंगल युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती थी। यह कैंप तंगधार से 36 किलोमीटर दूर स्थित है। दूसरी तरफ, गुलपुर कैंप को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है, जो राजौरी से 40 किलोमीटर पश्चिम में घने जंगलों के बीच स्थित है।


सटीक हमले, सीमित नुकसान

सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया कि दोनों ही ठिकानों पर बहुत सटीक और लक्षित हमला हुआ। सैयदना बिलाल कैंप में एक पूरा इमारत समूह नष्ट हो गया है, जबकि उसके आसपास की संरचनाएं जस की तस हैं। इससे साफ है कि हमला बेहद रणनीतिक तरीके से किया गया ताकि आतंकियों का ठिकाना खत्म हो जाए, लेकिन नागरिक नुकसान न हो।

गुलपुर कैंप में भी कम से कम दो इमारतें पूरी तरह तबाह हुई हैं। सेना सूत्रों की मानें तो यह दोनों इमारतें कमांड और ट्रेनिंग सेंटर के रूप में इस्तेमाल हो रही थीं। इन हमलों ने आतंकी नेटवर्क को गंभीर झटका दिया है।


आतंकियों की ट्रेनिंग और भारत में घुसपैठ

सेना सूत्रों के मुताबिक, जून 2023 में सैयदना बिलाल कैंप में पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों से आतंकियों को लाया गया था। इनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें कठुआ और रामबन के बीच रेलवे पुल जैसे अहम लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उरी और केरन सेक्टरों के रास्ते भेजा जाना था।

ट्रेनिंग के बाद इन आतंकियों को पंजाब स्थित लॉन्च पैड्स पर लाया गया, जहां उन्हें संचार, तकनीक और गुप्त संचालन की ट्रेनिंग दी गई। मार्च से मई 2024 के बीच इन्हीं में से कई आतंकियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में घुसपैठ की थी और पिछले साल जम्मू क्षेत्र में हुए अधिकांश आतंकी हमलों में इनकी भूमिका पाई गई।


कोटली कैंप और पुंछ हमला कनेक्शन

कोटली का गुलपुर कैंप लश्कर का एक प्रमुख बेस था, जहां आतंकियों को राजौरी और पुंछ क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षित किया जाता था। 2023 में पुंछ में तीर्थयात्रियों पर हुए हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने भी इसी कैंप से ट्रेनिंग ली थी।

गुलपुर कैंप की भौगोलिक स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यह घने जंगलों में स्थित है। लेकिन इसके बावजूद भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने सटीक लोकेशन की पहचान की और इसे ऑपरेशन सिंदूर में टारगेट किया गया।


4 दिन की गुप्त जंग और सीजफायर

इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने रातोंरात एलओसी पर गोलीबारी और सैन्य गतिविधियां तेज कर दीं। दोनों देशों के बीच लगातार चार दिन तक तनावपूर्ण स्थिति रही। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।

पाकिस्तान की ओर से राजनयिक चैनल के जरिए युद्धविराम (Ceasefire) की अपील की गई, जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों में सीजफायर हो गया। लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने यह ऑपरेशन कर एक स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर हमला हुआ तो जवाब ज़रूर मिलेगा।


निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर भारत की एक रणनीतिक, साहसिक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी, जिसने न सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि आने वाले समय में संभावित हमलों की योजना को भी कुचल दिया।

पहलगाम हमले का बदला लेकर भारत ने यह साबित किया है कि वह अब 'नई नीति – पहले वार' पर चल रहा है, और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

सैटेलाइट इमेज के जरिए इस ऑपरेशन की पुष्टि से यह भी साफ है कि भारत की सैन्य और खुफिया तैयारी विश्वस्तरीय है, और जरूरत पड़ने पर वह दुश्मन के दिल तक पहुंचने की क्षमता रखता है।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.