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भारत-पाक तनाव के बीच शेयर मार्केट में तेजी के 5 कारण, AMFI के मजबूत आंकड़े

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Posted On:Tuesday, May 13, 2025

सोमवार (12 मई) को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की खबरों का असर भारतीय शेयर मार्केट पर भी देखा जा रहा है। देश के प्रमुख शेयर बाजारों में तेजी का माहौल है। खासकर स्मॉल कैप, मिड कैप और लॉर्ज कैप इंडेक्स में काफी उछाल देखने को मिल रहा है। निफ्टी फार्मा को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स ग्रीन सिग्नल पर हैं। निफ्टी 50 इंडेक्स 24,420 के स्तर पर खुला और कुछ ही मिनटों में 24,737.80 तक पहुंच गया। वहीं, सेंसेक्स 80,803 पर खुलकर 81,830 के उच्चतम स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे 2300 अंकों से भी ज्यादा की तेजी देखने को मिली। इस सकारात्मक रुझान के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं, जिन्हें हम यहां विस्तार से समझेंगे।

1. भारत-पाकिस्तान युद्धविराम:

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा को लेकर निवेशकों में उत्साह देखने को मिला है। मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे के अनुसार, "निवेशकों के लिए सबसे बड़ी राहत भारत-पाक तनाव का कम होना है। ऐतिहासिक रूप से, जंग नहीं होने से, बाजार में तेजी आती है।" जब दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति नहीं रहती, तो इसका सकारात्मक प्रभाव वित्तीय बाजारों पर पड़ता है। इस स्थिरता के कारण, निवेशक अधिक आत्मविश्वास के साथ शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। युद्धविराम की खबरों के बाद से मार्केट में सकारात्मकता और उत्साह देखा जा रहा है, जो तेजी का मुख्य कारण बन गया है।

2. भारत-यूके व्यापार समझौता:

हाल ही में भारत और यूके के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता हुआ है, जिसने निर्यात-आयात व्यापार को बढ़ावा देने की उम्मीद जताई है। इस समझौते ने निवेशकों में विश्वास और उत्साह पैदा किया है। इससे भारतीय बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। व्यापार समझौते के जरिए भारतीय कंपनियों के लिए ब्रिटेन में अधिक व्यापारिक अवसर पैदा हो सकते हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। यह उम्मीद और उत्साह ही बाजार में तेजी का कारण बन रहे हैं।

3. अमेरिका-चीन और यूके के व्यापार समझौते:

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टैरिफ विवाद के कम होने के साथ-साथ यूके और अमेरिका के बीच भी ट्रेड डील्स का माहौल बेहतर हो रहा है। इस वैश्विक स्थिति ने निवेशकों में सकारात्मक उम्मीदें जगाई हैं। HDFC सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील के अनुसार, "चीन और अमेरिका के बीच बातचीत ने निवेशकों को राहत दी है।" इन सकारात्मक वैश्विक घटनाक्रमों का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है, जिससे भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिल रही है। वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनावों में कमी निवेशकों के लिए आशा की किरण है, जो भारतीय शेयर बाजार में अधिक निवेश को प्रेरित कर रही है।

4. विदेशी निवेशकों (FII) की खरीदारी:

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारतीय शेयरों में लगातार बढ़ती हुई निवेश प्रवृत्ति भी मार्केट में तेजी का एक प्रमुख कारण है। लक्ष्मीश्री इन्वेस्टमेंट्स के अंशुल जैन के अनुसार, "FII लगातार भारतीय शेयरों में पैसा लगा रहे हैं। युद्धविराम के बाद यह रफ्तार और तेज हो सकती है।" जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में निवेश करते हैं, तो इसका सकारात्मक असर शेयर बाजार पर पड़ता है, जिससे बाजार में उछाल आता है। FII का निवेश भारतीय बाजार के लिए एक संकेत है कि विदेशों से भी भारत की आर्थिक स्थिति पर विश्वास बढ़ रहा है, और निवेशक भविष्य में अच्छा लाभ देखने की उम्मीद कर रहे हैं।

5. AMFI के मजबूत आंकड़े:

म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इस साल अप्रैल में SIP (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में 26,632 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो एक नया रिकॉर्ड है। AMFI (Association of Mutual Funds in India) द्वारा जारी किए गए आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयर बाजार में लगातार बढ़ रहा है। यह न केवल लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सकारात्मक है, बल्कि यह बताता है कि भारतीय आम निवेशकों ने बाजार में बने रहने का निर्णय लिया है। इस तरह की सकारात्मक प्रवृत्तियां बाजार के लिए अच्छे संकेत होती हैं।

निफ्टी के संभावित लक्ष्य:

वहीं, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि निफ्टी 24,190 के प्रतिरोध स्तर को पार करता है, तो 24,480 और फिर 25,000 का लक्ष्य संभव है। यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर हो सकता है, क्योंकि इससे बाजार में और अधिक वृद्धि की संभावना है। वर्तमान में बाजार में चल रही तेजी ने निवेशकों के मनोबल को ऊंचा किया है, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में बाजार और बेहतर प्रदर्शन करेगा।

निष्कर्ष:

आज के शेयर बाजार के सकारात्मक रुझान के कई कारण हैं, जिनमें भारत-पाक युद्धविराम, भारत-यूके व्यापार समझौता, अमेरिका-चीन व्यापारिक तनावों में कमी, विदेशी निवेशकों की बढ़ती खरीदारी और म्यूचुअल फंड्स में निवेश की बढ़ती प्रवृत्ति शामिल हैं। इन सभी कारकों ने भारतीय शेयर बाजार को सकारात्मक दिशा में बढ़ाया है। निवेशकों को इन सकारात्मक संकेतों का लाभ उठाने के लिए सतर्क रहना चाहिए और बाजार में आने वाली बदलावों को ध्यान से देखना चाहिए।


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