ताजा खबर
धर्मा प्रोडक्शंस ने पूरी की सनी संसकारी की तुलसी कुमारी की शूटिंग, सेट की होली तस्वीरों के साथ रिलीज...   ||    नेता और अभिनेता ज्ञान से साथ सलमान खान ने किया बिग बॉस 19 के नए "डेमोक्रेसी थीम" वाले घर का उद्घाटन!   ||    क्या राखी सावंत करेंगी बिग बॉस 19 में वाइल्ड कार्ड एंट्री? वायरल ऑडियो क्लिप से मचा हड़कंप   ||    द बैंड्स ऑफ़ बॉलीवुड से बदली सी हवा का सांग रिलीज़ हुआ   ||    'द ट्रायल सीजन 2' और 'जॉली एलएलबी 3' के बीच कोई टकराव नहीं काजोल ने साफ़ किया!!   ||    प्रियदर्शन की फिल्म हैवान में अक्षय कुमार और सैफ अली खान नज़र आएंगे, शूटिंग शुरू हुई!!   ||    ट्रंप के टैरिफ का विरोध करने वाले पूर्व NSA के घर FBI का छापा, भारत पर सख्त रुख की आलोचना से चर्चा म...   ||    यूक्रेन से युद्ध पर रूस का बड़ा ऐलान, डोनाल्ड ट्रंप ने भी लिया यूटर्न, पुतिन-जेलेंस्की की मीटिंग पर ...   ||    कौन हैं भारत में अमेरिका के नए एंबेसडर सर्जियो गोर? जिन्हें राष्ट्रपति ट्रंप ने किया नियुक्त, क्या ब...   ||    टिकटॉक पर अमेरिका में क्यों लगा है बैन? डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई प्रतिबंध की समयसीमा   ||   

अडाणी ग्रुप ने शुरू किया भारत का पहला ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, कम होगी विदेशी ईंधन पर निर्भरता

Photo Source :

Posted On:Tuesday, June 24, 2025

आज जब पूरी दुनिया पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ा रही है, भारत भी इस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य के स्वच्छ ईंधन के रूप में देखा जा रहा है, और भारत अब इसमें वैश्विक नेतृत्व की दिशा में काम कर रहा है। इस दिशा में एक बड़ा कदम अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) ने उठाया है, जिसने ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में अपना पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।


क्या है ग्रीन हाइड्रोजन और क्यों है यह ज़रूरी?

ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ईंधन है, जो पानी को इलेक्ट्रोलिसिस के ज़रिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में अगर नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर या पवन ऊर्जा का इस्तेमाल हो, तो हाइड्रोजन को “ग्रीन” कहा जाता है, क्योंकि इसमें कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। यह पेट्रोल, डीज़ल और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधनों का टिकाऊ विकल्प है।

आज पूरी दुनिया नेट-जीरो (Zero Net Carbon Emission) के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, जहां जितना कार्बन उत्सर्जन होगा, उतना ही ऑफसेट या न्यूट्रलाइज़ किया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन इस दिशा में एक मजबूत कड़ी बनकर उभर रहा है।


पर्यावरण को मिलेगा बड़ा फायदा

अडाणी ग्रुप का यह ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्लांट न केवल औद्योगिक क्षेत्रों जैसे खाद, रिफाइनिंग और भारी ट्रांसपोर्ट को स्वच्छ बनाएगा, बल्कि यह पर्यावरणीय सुधार की दिशा में एक बड़ी छलांग भी है। जहां अब तक इन सेक्टरों में भारी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता था, वहीं ग्रीन हाइड्रोजन से यह प्रभाव काफी हद तक घटाया जा सकेगा।

यह पहल भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उसे वैश्विक ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में भी मदद करेगी। भारत के जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों के अनुसार, 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन एमिशन प्राप्त करना है, और ऐसे पायलट प्लांट्स इस दिशा में मार्गदर्शक साबित होंगे।


मुंद्रा: भारत का ग्रीन एनर्जी हब

गुजरात के मुंद्रा में अडाणी ग्रुप का यह प्लांट एक टेस्टिंग प्रोजेक्ट की तरह शुरू हो रहा है, जो भविष्य में बनने वाले बड़े ग्रीन हाइड्रोजन हब का आधार बनेगा। मुंद्रा को भारत का स्वच्छ ऊर्जा हब बनाने की योजना के तहत यहां कई तरह के सस्टेनेबल इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं।

यहां पर:

  • सोलर सेल्स और मॉड्यूल्स का निर्माण,

  • विंड टर्बाइन्स की असेंबली,

  • इलेक्ट्रोलाइजर्स का उत्पादन,

  • और ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल और सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल जैसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे।

इन सभी प्रयासों का मकसद भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना और विदेशी ईंधन निर्भरता को कम करना है।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" अभियान को बल देने के लिए ऐसे स्वदेशी प्रोजेक्ट्स बेहद अहम हैं। ANIL का यह प्रयास न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से फायदेमंद है, बल्कि यह देश को तकनीकी और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।

आज भारत में हर साल करोड़ों लीटर तेल और गैस का आयात होता है। अगर ग्रीन हाइड्रोजन और उससे बने वैकल्पिक ईंधनों का घरेलू उत्पादन शुरू हो जाए, तो इससे न केवल आयात खर्च घटेगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे।


अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) की भूमिका

ANIL, अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जो सस्टेनेबल फ्यूल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में काम कर रही है। कंपनी का फोकस है:

  • स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन

  • पर्यावरण संरक्षण

  • ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार

  • और भारत को ग्रीन फ्यूचर की ओर ले जाना

ANIL का यह प्रोजेक्ट न केवल भारत के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह दुनिया को यह दिखाने का प्रयास है कि भारत भी क्लाइमेट चेंज से निपटने में एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है।


निष्कर्ष

ग्रीन हाइड्रोजन भारत की ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरणीय लक्ष्यों को एक साथ सुलझाने का शक्तिशाली माध्यम बन सकता है। अडाणी ग्रुप का मुंद्रा प्रोजेक्ट इस दिशा में एक मॉडल इनिशिएटिव है, जो आने वाले समय में देश के कई हिस्सों में दोहराया जा सकता है।

आज जब जलवायु संकट हर देश के लिए चुनौती बना हुआ है, भारत ऐसे समय में न केवल समाधान खोज रहा है, बल्कि एक नेता के रूप में उभर भी रहा है। और इसमें अडाणी जैसे कॉर्पोरेट समूहों की यह पहल एक नई ऊर्जा, एक नया भरोसा, और एक हरा-भरा भविष्य लेकर आ रही है।

"हर एक बूंद स्वच्छ ऊर्जा, भविष्य की नींव रखती है – और भारत अब उस नींव को मजबूत करने में जुट गया है।"


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.